Thursday, 15 September 2011

साक्षरता गीत - " मैया मोरी, आज मैं पढ़ने जाऊं"

हो, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

जो मैं खाऊँ माखन-चोरी, सच-सच सब बतलाऊँ.
हाँ, मैया मोरी, आज मैंपढ़ने जाऊं.

ज्ञान-सरोवर डुबकी मारूं, पंडित कल कहलाऊँ.
हाँ, मैया मोरी, आज मैंपढ़ने जाऊं.

जब मैं पढ़कर जतन करूँ, गाँव उद्योग लगाऊं / उद्यम गाँव लगाऊं.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

कैसे रहना, साफ संवरना, घर सबको बतलाऊँ.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

सखा हमारे पढ़-पढ़ आवैं, पीछे क्यों रह जाऊं.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

मेरी मेहनत, ज्ञान भी मेरा, दुगनी कीमत पाऊँ.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

आज जो आंगन, बीज मैं बोऊँ, फल कल सबको खिलाऊँ / बटवाऊं.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

तू दिन भर संग बाबा मेरेकाम न कछु करवाऊं.
हाँ, मैया मोरी, आज मैं, पढ़ने जाऊं.

1 comment:

  1. Waah!
    Its's education which makes human a social animal from animal...orelse we will be worse then monkeys...

    Sir aap Facebook pe kyon nahi hain

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