Sunday, 23 October 2011

"दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं"

आतिशें चल रहीं, रौशिनी हर तरफ,
झिलमिलाते दियों का, समय आ गया.
टिमटिमाते दियों का, समय आ गया.

है मुबारक घड़ी, घर में भगवान हैं,
हाँ छछूंदर पे बैठा,  कोई आ गया.

था दियों को लगाया, हरेक द्वार पर,
मेरी किस्मत, उजाला था, घर आ गया.
उसकी रहमत, उजाला था, घर आ गया.

था बुहारा ये घरलीप कर हर तरफ,
संग रोली सजाकर, सजन भा गया.

सब दुआएं बुजुर्गों कीबख्शीश  थीं,
उनके चरणों को छू कर, मजा आ गया.
छू के चरणों को जन्नत, था मैं पा गया.

इस दिवाली से तुम, इतना रौशन बनो,
इस दिवाली से तुम, इतना ऊँचा उठो,
हर कोई कह उठे, आफताब आ गया.

(आफताब – Sun)

4 comments:

  1. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ ………

    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
    तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
    अवगत कराइयेगा ।

    http://tetalaa.blogspot.com/

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  2. सुन्दर प्रस्तुति.... वाह!!
    आपको दीप पर्व की सपरिवार सादर बधाईयां....

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  3. आपको भी दीपावली की शुभ कामनाएं ।

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  4. Wish you a very Healthy,Wealthy,Prosperous and Happy Diwali Sir....
    We miss you on Facebook.

    Kavita bohot hi sunder lagi:)

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