Friday, 4 November 2011

गीत – “महंगाई”

हद है कर दी, हद है कर दी, (हद्दे कर दई, हद्दे कर दई,)
इस सरकार ने, हद है कर दी. (इस सरकार ने, हद्दे कर दई.)

खेतन के मालिक की मेहनत,
आलू गाँव में, एक रुपैया.
जब शहरन कीमंडी पहुंचा,
दस रुपैयाजेबें कट गयीं.

हद है कर दी, हद है कर दी, (हद्दे कर दई, हद्दे कर दई,)
इस सरकार ने, हद है कर दी. (इस सरकार ने, हद्दे कर दई.)

जो हमने थानीड़ बनाया,
मांग रुपैया, गिरवी काया.
सूद खोर, सरकार के कारण,
हाय, हमारी जान, निकल गयी.

हद है कर दी, हद है कर दी, (हद्दे कर दई, हद्दे कर दई,)
इस सरकार ने, हद है कर दी. (इस सरकार ने, हद्दे कर दई.)

जब हम, नंगे पाँव थे चलते,
मोटर गाड़ी, आदत डाली.
अब तक, लॉलीपॉप खिलाकर,
सत्ता ने अब, गर्दन पकड़ी.

हद है कर दी, हद है कर दी, (हद्दे कर दई, हद्दे कर दई,)
इस सरकार ने, हद है कर दी. (इस सरकार ने, हद्दे कर दई.)

जब हम, साधू, बन कर, रहते,
फाँकहवा हम, जी भी लेते.
धर्म का ढोंगी, हमको कहकर,
पा ली सत्ता, सब कुछ चर गयी.

हद है कर दी, हद है कर दी, (हद्दे कर दई, हद्दे कर दई,)
इस सरकार ने, हद है कर दी. (इस सरकार ने, हद्दे कर दई.)

1 comment:

  1. Yes,,In hen to agle election main sabak sikhana hai...waiting for 2013...

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