Tuesday, 12 April 2011

भजन - “मम हृद, जन्मो हे श्री राम!”


मम हृद, जन्मो हे श्री राम!
बसो मेरी काया में श्री राम.

नैनों को प्रभु राम दरस हों,
कानों में गूंजें राम.

सांसों में हे राम बसो तुम,
मुख संस्कृति में राम.

रोम-रोम अभिराम समाय,
स्थिर हो मन राम.

बुद्धि विवेक राम रचि राखा,
नतमस्तक मैं राम.

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