Tuesday, 19 April 2011

भजन – “बहुत ही भोले हैं हनुमान”

बहुत ही भोले हैं हनुमान,
बहुत ही चंचल हैं हनुमान.

मुख मंडल सब भाव विदित हैं,
भक्ति का देते हैं ज्ञान.

अष्ट सिद्धि, नव निधि सब पावें,
जो सुमिरें हनुमान.

माँ सीता की व्यथा भायी,
मुदरी दी, अंकित था राम.

भूख लगे तो बाग़ उजाड़ें,
जलातेलंका का अभिमान.

औषधि जो वो ढूंढ़ पावें,
उठालेंपर्वत को, बलवान.

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