Monday 15 August 2011

देश-भक्ति गीत – “मेरा भारत देश है ऐसा”

मेरा भारत देश है ऐसा, सदके में है सिर झुकता.

जिसमें, जीवन काशी-शिव, संरक्षण दे अन्नपूर्णा.
मणिकर्णिका अंतिम पल, गंगे तुझमें है मिलना.

मेरा भारत देश है ऐसा.

मंदिर वह, जिसमें रहता, पति-पत्नी का सम्बन्ध.
अनगिनत सूत्रधारों से, भावों का हो सत्संग.

मेरा भारत देश है ऐसा.

है कृपा विश्वकर्मा की, कितने दधीच हैं तेरे.
धरती का हर अन्वेषण, तेरी नींव तले ही उपजे.

मेरा भारत देश है ऐसा.

तुम कल-कल नाद सरस्वती, हो श्वेत, शांत, प्रखर सी.
जीवन की कला निहित है, आदर्शों की तू धरणी.

मेरा भारत देश है ऐसा.

पर्वत छोटे, ऊँचे भी, नदियाँअविरल उदगम भी.
सागर से जो है लिपटी, खनिजों से शोभित गरिमा.

मेरा भारत देश है ऐसा.

हर दिन पंचांग में त्योहार, गिरिजा, मस्जिद से हो प्यार.
नानक की अमृत वाणी, सुन्दर सी नित नयी कहानी.

मेरा भारत देश है ऐसा.

मेरा भारत देश है ऐसा, सदके में है सिर झुकता.

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