Sunday 21 August 2011

जोगन गीत - "मुझे प्यार हो गया"

(कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष)

मैंनूँ जोगणी बनाता,
मुझे, अब कुछ, नहीं है भाता,
सुन सांवरे सलोने,
मुझे प्यार हो गया.

चाहे साथ, पड़ें फेरे,
भाये, तुम मनवा मेरे,
मेरे बचपन के सरताज,
मुझे प्यार हो गया.

मैं पनिया भरन को जाऊं,
हाँ, जब पनिया भर के लाऊं,
फोड़े मटकी, भीगूँ सारी,
दिल आप खो गया.
मुझे प्यार हो गया.

तू सब-संग रास रचाता,
मन घुट-घुट घुटता जाता,
यशोदा के कन्हैया,
मुझे प्यार हो गया.

तेरी बंसुरी की धुन में,
वृन्दावन-कुञ्ज गलिन में,
नाचूं मैं तेरी राधा,
मुझे प्यार हो गया.

जब सरिता-मज्जन करती,
सखियों संग, जल-क्रीडा भी,
सब वसन, छुपा है लेता,
कान्हा, श्याम हो गया.
मुझे प्यार हो गया.

मैंनूँ जोगणी बनाता,
मुझे, अब कुछ, नहीं है भाता,
सुन सांवरे सलोने,
मुझे प्यार हो गया.

4 comments:

  1. बहुत अच्छी कविता है रजत . अति उत्तम ! बहुत सरस ! :)

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  2. स्वागत है आप का. कविता पसंद करने के लिए धन्यवाद.

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  3. Best poem...Touche my Heart...
    It carries a deep Spiritual meaning

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